हमारे अपनों की सोच जो बनती जिन्दगी
मिटाती है जिन्दगी सजाती है जिन्दगी
चाहे कोई कितना भी करे मेहनत रात दिन
मिट्टी को सोना सोना को मिट्टी बनाती
अपनों की सोच से बनती है जिंदगी
वक्त भी देता साथ उसी का जो
हां में हां ना में ना बताती है जिंदगी
हो जो ख़ुशी का समां जिंदगी में आपके
जुड़ते है और गमो में जाती है जिंदगी
खिलने पर ही फूलो को खुशबु का साथ मिलता है
मुरझाए वक्त में छोड़ जाती है जिंदगी
कुछ सोचते है वो भगवान् बन गए
वो इसान भी है या नहीं वक्त पर बताती है जिंदगी
मोहब्बत तो बस अमीरों की जागीर बन गई
गरीबो बस दिन रात सताती है जिंदगी
महबूब भी जबानी में प्यार दिखता है
आने पे बुडापा साथ छोड़ जाती है जिंदगी
कोई करे जतन लाख जीतने की
दिवार जब आपनो की आती है राह में
एक पल में टूट कर बिखर जाती है जिंदगी
साडी ख्वाहिशो को दबा कर अपने दामन में
खुशियों की खातिर आपनो के पिने के बाद भी
वो आपने ही ताने मार मार कर जलती है जिंदगी
खो जाये अगर गर राह में गुच्छे वो गमो के
मिलने के बाद अपने साथी का थोडा साथ
एक न एक दिन मार कर हथोडा गमो की बहार लाती है जिंदगी
करना भरोषा गर हो चाहे अपने हो या पराये
बस याद रखना दोस्तों आपने ही रास्तो पर लाती है जिंदगी
कोशिश करो हजार कोई सच्चा दोस्त तो मिले
आज कल तो माँ बाप ही दुश्मनी निभाती है हर कदम
कोई मिले ना साबित करने को दौरे जिंदगी में तो
आपनो पर ही प्रोयोग करवाती है जिंदगी
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