My Blog List

Indian Property place Swastik

Tuesday, 26 February 2013

Zindgi ek nadiya ki dhar

२ ७  फरवरी १९८३  माघी  पूर्णिमा  के दिन बिहार  प्रदेश के खगरिया जिला के रामपुर गावं में माद्यम वर्ग  व्यापारी के  शंकर  सहा पु o शिवनारायण सहा के घर में   एक बालक   संतोष कुमार आनंद का जन्म हुआ /
व्यापार में घाटा होने के करण घर की इस्थिति काफी ख़राब थी उसी समय घर का बटवारा होने से और भी  स्तिथि और भी ख़राब हो गई फिर सलेटेक्स के कारन और भी लफारे और ७ बहनों की शादी के बोझ के वजह से
शंकर सह  को गाँव छोड़कर शहर जाना परा / पररम्भ के समय पंजाब में मुर्गी फार्म में काम करना परा लेकिन कुछ ही दिनों में वहा उनकी तबियत ख़राब होने के करना उनके मालिक ने उन्हें अपने पेट्रोल पंप पर रख लिया / घर की ख़राब हालत को देखते हुए उन्हें वह काम करना परा / कुछ ही दिनों में नकी लगन और सच्चइ  मेहनत को देखते हुए सरदार ने उन्हें अपने ग़ाज़ियाबाद में कोयल डिपो के  इंचार्ज के रूप में भेज दिया जो काफी नुकसान में चल रही थी लेकिन उनके आते ही कुछ दिनों में कोयल डिपो अच्छी खासी चलने लगी  जिसके कारन अशोक बंसल जी उन्हें काफी माने लगे थे करीब १ ०  वर्ष काम ठीक चलने के बाद फिर से एक मंदी का दौर आया लेकिन बंसल जी ने फिर  शंकर को छोड़ना  नहीं  चाहते थे / लेकिन कंपनी का हाल देखकर उसने खुद ही छोड़ दिया और घर पर जाकर एक छोटा सा दुकान खोलकर परिवार बच्चो के साथ रहने लगे / करीब २ वर्ष के बाद अशोक बंसल जी के पुत्री की शादी थी जिसमे शंकर को पुरे परिवार के साथ बुलाया गया पर शंकर वहा  अकेले गए और शादी होने के बाद जब वापस आने लगे तो बंसल जी ने कहा शंकर मैं चाहता  हु की तुम हरिद्वार के हमारे धर्मशाला  में प्रबंधक के रूप में ज्वाइन करो मुझे पूरा विस्वास है की उसके लिए तुम से अच्छा कोई नहीं हो सकता , यह सुनकर शंकर ने कहा सर मैं मानता हु पर मैं अब नौकरी करना नहीं चाहता हु फिर भी आप कहते हो तो सोच कर बताऊंगा / फिर शंकर को बंशल जी ने कुछ रुपये और पुरे परिवार के लिए  कपडे देकर विदा किया / घर पर आपस में विचार कर फैसला किया की कुछ दिनों तक और जॉब कर ले जब तक चारो पुत्रो की शिक्षा ख़त्म नहीं हो जाती है /५००० रूपये महीने की सलरी पर ज्वाइन कर लिया उसी समय पुत्र संतोष कुमार आनंद( ५ वी ) , सनी कुमार आनंद( ३ श्री )  , सतीश कुमार आनंद  (१ कछा )और शांतनु कुमार आनंद  (कछा बोध ) में सरस्वती शिशु मंदिर जमालपुर गोगरी जिला खगरिया में पढाई करता था / और फिर संतोष की १० की पढाई ख़त्म होने पर ११ की पढाई के लिए हरिद्वार गुरुकुल कांगरी विस्वविध्यालय में एडमिशन करवा दियाजहा जाने के लिए गाँव से बिरेन्द्र चौधरी के साथ संतोष को हरद्वार बुलवा लिया  ,लेकिन वह संतोष का मन नहीं लग रहा था और १० दिनों के बाद ही संतोष ने पापा से कहा की उसे वह नहीं पड़ना है अगर जबरदस्ती करेंगे तो गुरुकुल से भाग जायेंगे यह सुनकर पापा ने संतोष का नाम गुरुकुल से कटवा दिया और फिर बिरेन्द्र चौदरी के साथ ही वापस गाँव रामपुर भेज दिया , लेकिन जाते जाते पापा ने कहा अब पढाई वही करनी होगी जहा कोल्लागे में एडमिशन होगा चाहे जमालपुर हो या खगरिया / संतोष ने हां कहा और चूँकि सरे कोल्लागे का एडमिशन टाइम ख्गतं हो चूका था इसलिए मज़बूरी में उसे जमालपुर  के डी यस विस्वविधालिया  में एडमिशन हो गया /२००१ में १०वि  ,२००२  में एक बार इंटर में स्टडी करने के समय दीपावली के बाद छट पर्व के बाद कुछ रिश्तेदार आये हुए थे मामा जी का लड़का अविनाश (साबू ) ,स्वीटी ,चुनमुन , और छोटे मामा जी के बच्चे  सब बाहर क्रिकेट खेल रहे  हे  तभी संतोष ने बलिंग करी और साबू बत्टिंग कर रहा था की बोल एक पास खरी औरत के गोद में बाची खेल रही थी तभी गेंद उसके गोद के पास गिरी और हलकी सी बच्चे को टच कर गई , शाम को उस बच्चे के पुरे परिवार हमारे द्वार पर आकर काफी शोर मचने लगा फिर सबने बच्चे का बेस्ट इलाज के बात की और कहा जो खर्च होगा हम देंगे जबकि उस बच्चे को मिर्गी का दौरा आता आता था जिसके कर्ण दो दिनों के बाद ही बच्चा मर गया फिर हमारे कुछ परोशियो के बहकावे में आकर बच्चे के पिता ने हमारे खिलाफ अफ ई आर कर दिया जिसके वजह से हम सबको घर छोड़ना पडा फिर हमलोग  सहर्षा मामा जी पास चले गए उस समय पापा हरिद्वार में ही थे जब पता चला तो वो गाँव आये और कुछ पैसे देकर मामला ख़त्म किया और उसके ३ मोंठ बाद ही संतोष की १२ की  परीक्षा थी उस एग्जाम में संतोष फ़ैल हो गया /तब पापा ने कहा यदि पढाई करना कहते हो तो फिर से यही से परीक्षा दे दो वरना को दूकान ही खोल लो फिर संतोष ले हारकर कहा ठीक है दूकान ही खोल लेंगे तो पापा ने कहा इलेक्ट्रॉनिक्स की ट्रेनिग लेकर भागलपुर (बिहार_) से इलेक्ट्रॉनिक्स का ही दूकान खोल लो /संतोष ने वैसा ही किया ६ महिना का कोर्से ३ महीने ने कर साथ ही एक इलेक्ट्रॉनिक्स दूकान पर काम करके सिख कर जमालपुर में ही दूकान खोल लिया एक साल के बाद दूकान के स्थिथि ख़राब होने लगी और तभी एक टेंट वाले का बच्चा बीमार हो गया और वह अपना टेंट बेचने लगा जिसमे ६ लाख का सामान २ लाख में देने को तैयार हो गया जिसके पैसे मांगने पर पापा के साथ लड़ाई हो गई और संतोष घर बिना बताये मुंबई चला गया वहा उसका कोई जाने वाला नहीं था घर छोड़ने से पहले २००५ में संतोष ने फिर से १२ का परीक्षा दिया था जब मुंबई गया तो परिणाम आया जिसमे वह पर्थम श्रेणी से पास हो गया /मुंबई के सेंट्रल स्टेशन पर रात को १२ बजे पंहुचा संतोष का एक स्टाफ का एक भाई जो मुंबई में बिल्डिंग बनाने में कारीगर था उसके  बारे में सुना था की बंदर में रहता था इसलिए संतोष बांद्रा के लिए ट्रेन से रवाना हो गया / बांद्रा रेलवे स्टेशन पर ओवर ब्रिज पास कर रहा था तभी उसने ४-५ बन्दों को शोर करते सुना १- २ करवा लो संतोष रुक देखने लगा तभी एक आदमी ने कहा भाई लगाना है १० का २० दूंगा संतोष ने मन किया तो बगल खरे आदमी ने कहा कोई नहीं ये तो लगा देगा संतोष  ने मना  किया तो उसमे से एक ने कहा चोलो तुम पत्ते इसने २०० लगाये संतोष ने फिर मन किया लेकिन पत्ते फेंक इये और संतोष जीत गया तब संतोष बोल परा मेरे ४०० दो इसपर उस लड़के ने कहा कोई तुम्हारे पास तो पैसे ही नहीं है तो शर्त कैसे इस पर संतोष बोल मेरे पास पैसे है और दिखा दिया यह देख कर उस लडको ने कहा कोई नहीं अब फिर से पत्ते फेंकेगा और फत्फत पत्ते फेंक दिए जिसमे संतोष की हार हुई फिर संतोष रोया गिर्गिराया पर किसी ने न उसकी सुनी और हार कर वह वह से चल परा उस स्टाफ के  भाई को ढूंढने ,रिक्शे वाले से पूछने पर की बिहारी के रहने वाला चाल कौन सा है तब उसने एक तरफ इशारा किया बोल आधे किलोमीटर के बाद है
संतोष चल पड़ा उस चाल की तरफ वह पहुचने पर पता चला की सरे वर्कर ड्यूटी पर गए है ,अब संतोष के पास इंतजार के अलावा कोई और चारा नहीं था /संतोष एक चाय वाले की दूकान पर इंतजार करने के लिए बैठ गया ,चाय वाले ने पुछा  भैया बोम्बे की लिए आये हो तब संतोष ने कहा कोई काम ढूंढने  आया हु तब चाय वाले ने कहा हमारे दूकान पर काम कर लो १००० रुपये महिना और रहना और खाना देंगे बस काम है चाय दुकानों पर पहुचना और गिलास धोना ,यह सुकर संतोष चुप रहा तभी एक लीडर वही आया चल का वह कहने लगा काया काम कर सकते हो तब संतोष ने कहा इलेक्ट्रॉनिक का काम जानता हु तब उस आदमी ने कहा अगर तुम मेरा कलर टीवी सही कर दो तो मैं इस चाल में खोखे में इलेक्ट्रॉनिक्स का दुकान खोल दूंगा करीब ५०० आदमी है इस चाल में वो सब तुमसे ही इलेक्ट्रॉनिक्स का काम करवाएंगे फिर संतोष मन में सोचा पता नहीं अंजन जगह है क्या होगा उसने मन कर दिया थोरी देर बाद एक आदमी आया और कहने लगा अगर तुम चाहो तो चम्बल सैइकिल पर गली गली जाकर बेचे फिर संन्तोष ने सोचा अभी तो बोम्बे आया ही है किसी को जानता भी नहीं और की गली में गया भी नहीं पता नहीं क्या हो फिर से मन कर दिया चाय वाले ने चाय पिने को दिया चाय खतम होने के बाद स्टाफ का भाई रवि भी आ गया उसने जाना कोई गाँव से आया है तो मिलने आया जब संतोष ने कहा - आपका भाई मेरे इलेक्ट्रिक शोरूम में काम करता है पर मै  मुंबई काम के तलाश मे आया हु आपके भाई ने ही आपके बारे में बतया  था मुझे कोई काम दिलवा दो और रहने का इंतजाम कर दो तब रवि ने कहा यहाँ मुंबई में तो रहने की ही परेशानी है और काम भी जल्दी नहीं  है तुम वापस चले जाओ कल ही तब संतोष ने कहा मै  वापस तो नहीं जाऊंगा ,इस पर रवि ने कहा तो ठीक है देखता हु पर रहने का इंतजाम खुद ही करना पड़ेगा क्यों की मेरे कमरे में  लोग पहले से ही है तब संतोष ने कहा सही है पहले कम से कम काम तो लव दो रहने के लिए जैसे भी होगा मैं खुद ही देख लूँगा ,फिर रवि ने कहा ठीक है लंच के बाद काम पर जायेंगे तो आप साथ चलन वह भी बात करते है देखते है क्या होता है ,फिर लंच के बाद रवि के साथ संतोष बंदर के न्यू कन्स्ट्रक बिल्डिंग में गया वह रवि काम कर रहा था तभी एक सिकुर्टी गार्ड  आया बाते करने लगा तब रवि ने गार्ड  से कहा भाई ये लड़का मेरे गॉव से आया है इलेक्ट्रिक का काम जनता है अगर कोई जॉब हो तो बताना , गार्ड  ने कहा ठीक है अभी तो नहीं है जैसे ही होता है तो बताता हु वैसे क्या ये गार्ड  का काम करेंगे तब संतोष ने पुछा  सलरी क्या होगी ,गार्ड  ने कहा  रुपए  ,फिर संतोष ने पुछा  रहने का बोले कंपनी के तरफ से जैसे सब गार्ड  रहते है और साथ ही खाने का भी गर्द के साथ मिलकर बनाना है और मोंठ के अंत में हिशाब कर जो भी हिस्सा आये वो पैसे देने होंगे संतोष को लगा इससे बढ़िया कोई हो ही नहीं सकता कोई की संतोष के पास न तो पैसे थे ना ही रहने का ठिकाना और ना ही खाने का जुगार ,संतोष ने हां कर दी शहं को वही गार्ड  अपने सुपरवाइजर के पास ले गया सुपेर्विसिओर ने फोर्मलती के लिए कुछ प्रशन किये और बोले ठीक है अभी से ही ड्यूटी पर लग जाओ इस पर संतोष ने कहा नहीं सर मैं गेनरल बोगी में ३ रातो से जाग कर आया हु सो कल से ड्यूटी करूँगा ,तब सुपरवाइजर ने कहा कोई बात नहीं मैं समझता हु तुम ड्यूटी जोइन कर लो तुम्हे इय्सी साइड देता हु कोई दिस्त्रुब नहीं करेगा रात में थोड़ी देर बाद सो जाना और कल से अच्छे से ड्यूटी करना ,इस तरह कहने पर संतोष तैयार हो गया और बर्दी पहन कर ड्यूटी पर आ गया उसके बाद सुपेविसर ने सरे गर्द को कह दिया इसको कोई डिस्टर्ब न करना  और चल गया ,अगले दिन संतोष को जहा रहना था जगह दिखाई और शिफ्ट किया खान बन्ने का सामान दे कर शाम से खाना बनाने की जिम्मेबारी दे दी जिस आदमी को रूम पार्टनर बनाया था वो भी संजोग से बिहार का ही था ,उसने संतोष को सरे काम करने को दे दिया और काफी परेशान भी करने लगा फिर एक रात को दोनों सो रहे थे औरे एक दुसरे के बारे में जान भी रहे थे तब उसने घर का एड्रेस पछा  तो संतोष बताया फिर जब उससे पुछा  तो बताया उसका नाम संजीव है और  वो  सहर्शा के पास सिमरी बख्तियारपुर के   महाखर गॉव  के पास का है तो संतोष ने बताया मह्खर में तो मेरा मौशा  जी रहते है जो पाहे मुखिया भी रह चुके है तब  उसने बातया संजय जिसका लड़का है तब संतोष ने कहा हां संजय मेरा अपना भाई है ,फिर क्या था उस दिन के बाद उसने उसकी इज्ज़त करनी शुरू कर दी और हर काम में हेल्प करने लगा घर जाने पर पता चला की वो संतोष के संजय भिया का अपना चचेरा भाई था जो अनाज के व्यापारी का काम करता था और लोगो से पैसे लेकर भाग गया था / १०-१५ दिनों में संतोष घर  भी फोन कर देता था करीब ३ महीने के बाद मुंबई में बाढ़ आया उस समय संतोष ड्यूटी पर था लेकिन बारिश होने की वजह से लेता हुआ था और आँख लग गई थी तभी फिल हुआ की संतोष के निचे से पानी निकलता जा रहा है जगा तो उसे हर जगह पानी  ही पानी नजर आ रहा था उसके पास जो जूता ,छत्री ,टोर्च था सब पानी में बह गया था /और कोई थोड़ी दूर पर आवाज लगा रहा था कोल्ड्रिंक ले लो संतोष भाई  , संतोष ने देखा एक कोल्ड्रिंक कि टैम्पो बल्डिंग के पास खड़ी थी सब लोग उससे कोल्ड्रिंक्स कि बोतल निकल कर कुछ पि रहे थे और कुछ फेंक रहे थे यह देख संतोष ने सबको समझने का प्रयाश किया कि जो पीना है सो ठीक है पि लो लेकिन फेंकने से कुछ फायदा तो नहीं होगा इसलिए इसे बर्बाद न करो सबने संतोष कि बात मान ली और छोड़ दिया / लगातार ३-४ दिनों तक बारिश होती रही जिससे सरको पर काफी पानी भर गया और खोने पिने का कोई जुगार नहीं था जिस कारन केले खा कर गुजर करना पड़ा




                                                     २  नबम्बर २०१३
आज सुबह संजीव (बी आई पी  एल ) का कॉल आया कहा आज नेहरू पैलेस ऑफिस में आना है दीपावली का गिफ्ट देना है ,मैं दोपहर २ बजे बाइक  से नेहरु पेलेस चला गाया वह जाने पर पता चले सभी लोग गिफ्ट बाटने गए है संजीव जी को फ़ोन किया तो बोले ४ बजे तक आ जायेंगे।  इंतज़ार करते करते ५. में संजीव जी आये तब उन्होंने मुझे एक ड्राई फ्रूट का डब्बा दिया। मैंने कुछ पैसे के लिए मिश्रा जी को कहा था पर वो ऑफिस में नहीं थे और संजीव जी ने कहा अभी तो नहीं होगा आप गोअन चले जाइये मैं अकाउंट में दाल दूंगा /लव तिवारी ने कहा वह भी चलेगा साथ पर दो हेलमेट नहीं होने के कारन उसे साथ नहीं लिया और हम घर चले आये। हम रात में ८ बजे घर पहुचे वाइफ ने देखा पूछा बस यही दिया और पैसे नहीं मिले तो मैंने कहा नहीं फिर मैंने वी  के सिंह को फोन किया दुआ सलाम के बाद मैंने पैसे के लिए कहा तो उसने मुझे कल दोपहर तक बताऊंगा।

                                                                                 ३ नबोम्बर २०१३

दीपावली कि सुबह हम घर में ही रहे कजूकी ४ नबम्बर का टिकट था घर जाने  का शाम में घर में पूजा पाठ के बाद चाची के घर गाये  रात में ११ बजे हम वापस आये।  १२ बजे हमने १३९ पर चेक किया तो २० २१ वेटिंग रह गया जिसके वजह से हमने जाने का प्रोग्राम कांसिल कर दिया और सो गए /

                                                                                  ४ नबम्बर २०१३

सुबह ८ बजे जगे तो सोचा टिकट  कांसिल करवा लेते है पर नहाते पूजा करते ९ . ४५  हो गाया मैंने सोचा अब तो तत्काल टिकेट का लाइन लग गया होगा  सोचा ११ बजे चले जायेंगे।हमने चांदनी के हाथो कटिहार फोन कर ५००० रूपये भेजने को कहा तो वो तैयार हो गए बोले अभी लगवा देते है  फिर   ११ बजे धीरेन्द्र का फोन आया कि लोन के सिलसिले और नीलू कि तबियत ख़राब हो गया तो मैंने सोचा पहले धीरेन्द्र के पास चले जाते है।  हम धीरेन्द्र के पास गया तो उसने बताया लोन का पेपर  धीरेन्द्र के नाम से बने तो मैंने कहा कि अगर यैसा होगा तो पहले घर कि रजिस्ट्री धीरेन्द्र के नाम से करवाना पड़ेगा इस पर धीरेन्द्र के पापा तैयार हो गया।  फिर मैं रेलवे स्टेशन गया १ घंटे लाइन में लगाने के बाद बताया नए रौल के हिसाब से २ घंटे ट्रैन छूटने के बाद तक ही वेटिंग वाला टिकट कांसिल हो सकता है जिस कारन टिकेट कांसिल नहीं हुआ।  निकलने पर कटिहार से रोशन भिया का फोन आया पैसा लव दिया है पर मेरे फोन में  स म स  नहीं आया और ए  टी म में चेक किया तो भी नहीं आया था फिर मैंने रोशन भैया को बैंक जाने को कहा वो गए तो बोले १५ मिनट में आ जायेगा।  फिर मैं घर आ गया करीब ६ बजे मैसेज आया।
                                                                           ५ नबम्बर २०१३

  रात में १२ बजे हुम रिजर्वेसन के लिए चले गए पहले न्यू ग़ज़िआबाद गए वह कोई नहीं था एक सोये हुए आदमी ने कहा ४ बजे से लाइन सुरु होती है जिसके कारण मैं ओल्ड ग़ज़िआबाद चला आया देखा मेरे आगे २५ आदमी और सो रहे थे यह देखकर ३.३० पर मैं फिर से न्यू ग़ज़िआबाद चला आया तो देखा कुछ लोगो को पुलिस पकड़ कर दलाल कह कर मार रहा था और कह दिया ६ बजे के बाद जो भी पहले आये उसी को पहल माना जायेगा लेकिन कोई भी गया नहीं और मेरा नो ४ व था मैं वही रह गया सुबह में एक आदमी ने अपना नाम दो जगह लिख रखा था उसका कटा तो मुझे लगा अब ३ रा नो आएगा पर बिच में एक आदमी ने आपना नाम फिर से दल दिया और हम ४था नओम्बर रह गया।  उसी समय करीब ८ बजे एक आदमी जिसका नाम सुनील यादव था मेरे ट्रैन का ३ ए सि  का ही टिकट बना रहा था लेकिन २२ व नो था जिसमे होना पोस्सिब्ल नहीं था रिकुएस्ट करने पर हमने अपने टिकट में ही बनबाने को तैयार हो गाया लेकिन उसमे भी ९ १० ११ १२ वेटिंग मिला फिर भी ले लिया हम ११ बजे दिन में ५ नबम्बर को घर वापस आया फिर मैंने प्रशांत भईया  को फोन किया कहा टिकट कन्फोर्म करने को उन्होंने कहा कोशिश करूँगा लेकिन गारंटी नहीं है मैंने अपना पी  एन  आर नो मस्सज कर दिया। फिर हमने अरुण जी को फोन किया उन्होंने भी मना किया।  हम कल के लिए तैयार होने लगे।
                                                                  ६ बनबम्बर २०१३

रात को १२ बजे पि एन  आर स्टेटस चेक किया तो वेटिंग १ २ ३ ४ रह गया  जो हमारे साथ था उसमे एक रहमान वह टिकेट कांसिल करवाने को कह रहा फिर भी हम लोग सीमांचल एक्सप्रेस में चढ़ गए टी टी से कहा कर सीट देने को कहा तो उसने मना  कर दिया फिर अटैंडेंट ने १२०० रूपये में एक अपने वाला सीट दिया जिसपर हम ४ रो किसी तरह करके चल दिए।

                                                                   ७ नबम्बर २०१३

 पटना ४ बजे सुबह  पहुचे तो रहमान उतर गया और बेगुसराई आने पर सुनील यादव भी उतर गया उसके बाद ८ बजे हम खगरिया उतरे फिर पता किया महेशखूंट के लिए  कोई पस्सेंजर है तो बताया ९. ४५ पर तब हमने सोचा बस से ही चलते है फिर रिलवे  स्टेशन से रिक्सा लिया जो बस डेपो तक के लिए ४० रुपए में तय हुआ थोड़ी दूर जाने के बाद ही हमे जीप मिल गया तो हमने जीप पर चले गए रिक्शॉ वाला वह तक के लिए भी ४० रूपये मँग  रहा था जिसके कारन झरप हो गई लेकिन अनत में ४० ही दिए जीप से जमालपुर पहुचे।  घर पहुचे  तो थोड़ी में पापा जी कसनगर बाली मौसी को ले  कर आये फिर   फ्रेश होकर हम  सो गए। रात में पूजा करके प्रसाद खाकर सो गए।

                                                                    ८ नबम्बर २०१३
छठ पर्व का संद्य अर्घ दिवस सुबह १० बजे  ही सतीश और शांतनु घाट बनाने चला गया १ बजे सतीश आ गया लेकिन शांतनु २ बजे आया ३ बजे छोटे वाले मामी  मामा ,आशु अनिमेष और आई  सी  और मनीष आ गया क्यों कि छोटे वाले मामा का पर्व भी मम्मी  ही कर रही थी फिर रंजीत भैया ने बुआ जी को बाइक  से घाट पर ले जेन को कहा क्यों कि बुआ जी के पैर  का ऑपरेशन हुआ था सही से चल नहीं सकते थे फिर सभी ४ बजे घाट के लिए निकले और मैं बुआ को बाइक  से घाट पर ले गया।  घाट पर राजीव भाई मिले फिर वो मुझसे समस्तीपुर में फ्लैट  लेने के लिए जानकारी लेने लगे ६ बजे पूजा ख़त्म हो गया हम लोग वापस घर चले आये।  शाम में अमन (गुड्डू) का कोल्कता से फोन आया जाना मामा ,सब आये हुए है तो बोला कल मैं भी आ रहा हु। खाना खाकर हम सब सो गए।
                                                                  ९ नबम्बर २०१३
३ बजे सुबह चांदनी ने हमें जगाया लेकिन मैं जगा नहीं चांदनी जगी और पूजा कि तैयारी में लग गई मैं ४ बजे जगा। फिर नहा कर बुआ को लेकर घाट पर चला गया फिर घाट पर पूजा कर बुआ को लेकर छठ मंदिर गया वहा पूजा कर के वपास घर आ गया फिर घर में पारसाद खाकर लोगो के साथ हंसी मजाक करने लगे मम्मी घर आ रही थी तो गुड्डू भी पीछे से आया।  रात में हम सब मेला गए पर मेला में कुछ नहीं होने के कारन हमलोग पानी पूरी खाकर ही वापस आ गए।
                                                                १० नबम्बर २०१३
सुबह १० बजे मामा लोग जाने लगे तो मनीष भी आया खाना खाकर सब तैयार होकर चले गए गुड्डू रह गाया।  मामा ने मुझे और चांदनी को  सहरसा आने को कहा तो मैंने कहा चांदनी तो आ नहीं पायेगी पर मैं आउंगा।

                                                                 १५ नवंबर २०१३ (शुक्रवार )
आज हमें हटे बाजार एक्सप्रेस से कटिहार जाना था सो तैयार  हो रहे थे २. ४५ पर शांतनु टेम्पो लेने गया और ३.१० पर टेम्पो लेकर आया और हम चांदनी ,मुन्ना ,शांतनु महेशखूंट चले ट्रैन पकरने को समय सेही ट्रैन आ गई हम ट्रैन के रिज़र्वेशन बोगी में चले गए शांतनु वापस चला गया। टी टी आया टिकेट माँगा तो हमने जनरल टिकट  दिखाया तो बोला ये रिज़र्वेशन बोगी है फिर १०० रुपए लिए हम ७. ३० पर कटिहार पहुचे बहार निकल कर रिक्सो लिया तभी रणजीत सिंह का फोन आया मैंने बताया अभी ही हम पहुचे है तो कल  मिलेंगे।  घर पहुचे नास्ता किया और सो गए।
                                                                    १६ नवंबर (शनिवार )
सुबह ८ बजे जगा फिर नास्ता किया तभी रणजीत सिंह का फ़ो आया कितने बजे आयेंगे तो मैंने ११ बजे का नाम कहा फिर नास्ता कर मैं और मुन्ना रिक्सा कर मिलने गए उसने नियर फ सी आई  गोदाम के पास हम फ सी आई  गोदाम ही चले गए फिर पता चला सेंट्रल वैरहाउसे में है फिर रिकस्वा वाले को कहा चलने को तो वो गया ६० रुपए लिए हम मिले रंजीत सिंह से उसने कहा कल गुरु पर्व है हो गुरुद्वार चलना है ५ बजे हम वह से चले तो चांदनी का फोन आया डॉक्टर शिप्रा के बारे में पता करके आना है हम और मुन्ना सॉर्ट से पैदल ही डॉक्टर शिप्रा के क्लिनिक पर पहुचे तो पता चला मैडम है तो हमने नम्बर लगवा दिया और चांदनी को फोन करके बताया जल्दी आ जाये तो चांदनी ५. ३० पर क्लिनिक पर माँ के साथ पहुची फिर वह कुछ टेस्ट और दवाई लिका डॉक्टर ने हमने कहा आप लोग चले मैं दवाई लेकर आ रहा हु फिर सासु माँ  ने कहा  टेस्ट करने वाला कोई चाचा है उन्हें कहना है फिर हम और मुन्ना  चले गए वह बताया तो उन्होंने कुछ डब्बा दिया और बोले कल  सैंपल ले आयेंगे फिर हम आ गए और खान खा कर सो गए।

                                                                 ५ दिसंबर २०१३  (गुरुवार )
आज सुबह ८ बजे जगा ९.३० तक सरे काम हो गया उसके बाद रोटी और सब्जी बनाया १० बजे तक खाना बन गया १०.३० तक खाना खा लिया ११ बजे अमित डीलर का फोन आया बोला  सेक्टर १२१ नॉएडा में १ घंटे तक मिलेगा, तभी एक इंटरव्वु के लिए १२ और २ बजे के टाइम पर फिनलक और कॉस्मिक के लिए टाइम दिया पहले फिनलक गए वहां १२.३० तक इन्टरवू हुआ तभी अमित का भी फोन आ रहा था फिर परवेश चुहान को पहले साईट पर भेज दिया उसके बाद सेक्टर ५९ से ब्रोसर लेकर १ बजे मैं भी साईट पर पंहुचा तो अमित देख रहा था फिर मैं मिला। उसके बाद सेक्टर १८ कॉस्मिक में इन्टरवुए के लिए पंहुचा लंच हो रहा था २.४० पर इंटरविउ हुआ फिर सेक्टर १५ अज़ीम के ऑफिस पंहुचा तो अज़ीम ने फोन करने पर बताया १० मिनट में ऑफिस पहुचेगा में ऑफिस में वेट करने लगा २० मिनट में अज़ीम पंहुचा फिर बात हुई ५. १५ पर मैं चला सेक्टर ६२ में लक्सिक्स के ऑफिस कर्मठाम ६ बजे पंहुचा वहा मीटिंग के बाद ७ बजे चले इनके प्रोजेक्ट रानीखेत ,रुद्रपुर में है फिर मैं डॉक्टर के पास आ गया वह से ९.४५ पर चलने लगे तो डॉक्टर साहब भी साथ आ गए ,फॉर घर पर नास्ता किया चाय पि  मूवी  देखी  ११. १५ पर घर छोड़ आये १ घंटे से ढूध  गर्म करने के लिए गैस पर दे रखा था वहाँ से आकर गैस बंद किया ढूध  जल गया था ढूध  पी  कर हम सो गए।

                                                                      6 दिसंबर २०१४ (शुक्रवार )
आज सुबह ८.३० पर जगा और साफ सफाई पूजा करते करते १० बज गए  फिर खान बनाया चावल ,दाल , आलू ,गोवि का सब्जी बनया ११ बज गए फिर कपड़े में प्रेश    पैंट में  था कि  गई।  फिर खाना खाने चला गया।  ११.३८ पर  डॉक्टर आर के सिंह के पास गया  हुई कहने लगा  काम कुछ  भी नहीं हुआ फिर १  डॉक्टर साहब के साथ रूम देखने चले गए।  रूम पसंद आया २३००  महीने पर तय तय हुआ ३०० एडवांस दिया और फिर हम घर आ गए।  परताप से लोन धीरेन्द्र के लिए बात हुई कह कह रहा है शाम तक  बतायेगा फिर  बात हुई  बताया कि पापा का जो एक्सीडेंट हुआ था उसमे कुछ टांके लगे थे जो कल ही कटा है फिर मैं नेट पर काम करने लगा और अभी ३.४९ हो रहा है।

                                                                ११ दिसम्बर  २०१३

आज सुबह टायर हो रहा था २ जगह इन्टरवू था एक बी क न और आइकॉन pvt  ltd  सेक्टर १६ में था जिसमे दोनों जगह सलेक्शन हो गया बी क न ने कहा सैलरी के बारे में बाद में बताएँगे और आइकॉन ने कहा कब से ज्वाइन कर सकते हो तो मैंने १ जनवरी को ज्वाइन करूँगा लेकिन मर विनय जो GM  था कहा जल्दी से जॉइन कर लीजिये अगर बुकिंग आ गई तो पूरी सैलरी दिलवा दूंगा तब कहा ठीक है १६ जनवरी को ज्वाइन कर लूंगा फिर भी उन्होने कह आप कल से ही ज्वाइन कर लीजिये तब मैंने कहा ठीक है और घर आ गया /

                                                             १२ दिसम्बर  २०१३
आज सुबह मैंने देवानंद भाई का फोन आया कि औथोरटी चलना था तो मैंने कहा ठीक है विनय जी को फोन करके कह दिया कि मैं १ बजे तक आ पाएंगे तो उन्होंने कहा ठीक है बाइक  निकला  और पपेर कॉपी करने के लिए फोटोस्टैट शॉप पर गए और कॉपी कर सरे डॉक्यूमेंट  वापस बाइक पर आये हवा कम थी फिर पेट्रोल पंप पर हवा डलवा कर चले पुलिस लाइन नॉएडा एक्सट पहुचे तो टायर पंचर हो गया जिसके वजह से १ km  तक बाइक  को खीच कर ले गए फिर पंचर सही करवा कर चले तो १ बज गया फिर औथोरटी गया काम होते होते ३ बज गए फिर विनय जी का फ़ोन आया तब हमने अपनी प्रॉब्लम्ब् बताया तो बोले ठीक है कल से आ जाना फिर हम वापस आये घर पर चाय बनाया और देवनादन भाई चले गए /
                                                         १३ दिसम्बर  २०१३

आज सुबह तैयार होकर ऑफिस के लिए चले ऑफिस में सरे फोर्मुल्टी पूरा करने के बाद हम काम करने लगे /
फर्स्ट दिन विनय जी ने ७ नोम्बर दिए जिसमे ३ लीड  हुई /
                                                        14 नबम्बर २०१३
आज ऑफिस पंहुचा तो मैंने स्वाति को अपने कुछ नंबर दिया जिसमे ५ लीड  निकला जिसे हम फॉलो करने लगे /
                                                       ३१ दिसेम्बर २०१३
 आज सुबह विनय जी का फोन आया कि बक्शी जी ने कहा है ऑफिस आना है कल छुट्टी है तो मैंने कहा ठीक है और मैं ११ बजे ऑफिस पंहुचा तो कोई नहीं आया था फिर १२ बजे विनय जी आये १ बजे अशोक जी २ बजे हम लोग ऑफिस से निकल गए ३ बजे हम घर आ गए /शाम में हनुमान मंदिर गए तो सचिन डायरी से ही १ लीटर दूध और पनीर ले लिए /
                                                         १ जनबरी २०१४
आज सुबह से ही कपडे चादर और साडी चीजे धोई और तभी चची का फोन आया कि खाना वही बनेगा तो मैंने कह दिया ठीक है तभी मंकेश जी का फोन आया कि वो साइड देखन चाहते है तो मैंने २. ३० पर उन्हें साइड पर बुलाया तभी देवानंद भैया का फ़ोन आया वो भी चची के पास आ रहे तो मैंने कहा ठीक है साथ ही चल देंगे बोले ठीक है फिर १२. ४५ पर फ़ोन आया आ जाओ तो हमने कहा कि देवानंद भाई के साथ आयेंगे बोले ठीक है फिर १. १५ पर फोन आया कि वो तो आ गये है फिर मैं भी गया खाना खाने के बाद सनी के बारे में पूछने लगी तो बातहया सब ठीक ही रहा फिर मंकेश जी को फोन किय तो बोले हम १० मिनट में पहुच जायेंगे फिर मैं भी निकला साईट पर हम पहुचे तो मंकेश जी अपनी विफ को लेकर आये थे और साथ में अवनीश जी भी थे १ घंटे साईट देखने के बाद बोले हम १४ जनबरी के बाद ही फाइनल करेंगे और चले गए /मैं घर ४ बजे पंहुचा तो आशीष का फोन आया कि वो और शाकिर अल आई  सी ऑफिस में है आ जाओ फिर मैंने कहा तुम्ही लोगो आ जाओ फिर बोले कि ठीक है वो लोग ६ बजे आ गए फिर पनीर पकोड़े बनाये थे और फिर सिगरेट लाये मागी बनाया और ९. ३० बजे तक पार्टी एनजीओ किया फिर दोनों चले गए हम भी घर आकर सो गए
                                                        २ जनबरी
 आज ऑफिस में ही रहे कोई खाश नहीं था

                                                       ३ जनबरी २०१४
आज ऑफिस पूछे कॉल कर रहे थे करीब २ बजे पवन नगर से बात हुई और अपने ऑफिस बुलाया तो मैंने विनय जी से कहा कि मैं जसोला एक मीटिंग में जा रहा हु तो विनय जी बोले ४ बजे चले जाना मैंने कहा मैंने ३ बजे का नाम कहा है तो बोले कोई नहीं ३.३० में जाना और उधर से ही घर चले जाना फिर मैं ३. ३० पर जसोला मैक्स बल जी के ऑफिस के लिए निकला फिर सुनील नगर से भी मिला और म उ साइन कर वापस ९. ३० पर घर पंहुचा /

                                                       ४ जनबरी २०१४
आज ऑफिस जाने से पहले भंगेल में एक मीटिंग थी इसलिए हम घर से लेट निकलने वाले थे तभी अंजलि का मेस्सेज आया कि काफी तनहा फिल कर रही है और वो मुझे देखना छाती है पर मैंने कोई रीप्ले नहीं दिया फिर १० बजे फोन आया रो रही थी और कहा प्ल्ज़ आ जाओ काफी रोते हुए बात कर रही थी तो मैंने कहा ठीक है मैं ११ बजे तक आउंगा बोली ठीक है इंतज़ार करुँगी फिर मैं ११ बजे अंजलि के घर पंहुचा फिर ११. ३० पर मैं भंगेल के लिए चला तभी विनय जी का फोन आया तो मैंने कह ठीक है मैं १२. ३० बजे मीटिंग करके आउंगा बोले ठीक है फिर मैं भंगेल मीटिंग करके २ बजे ऑफिस पंहुचा तो बताया फिर विनय जी से क्लिंट कि बात कराइ तो पता चला गलती से किसी और आदमी से मीटिंग करके चले आये /फिर हम काल  करने लगे और शाम को ६. पर घर पहुचे /


                                                           ५ जनबरी २०१४
आज ऑफिस पंहुचा तो १०.४५ पर तो रुचित सर ने कहा संतोष टाइम पर आ जाया करो फिर थोड़ी देर तक मीटिंग होती रही फिर मैं कोलिंग करने लगा और करीब २. ३० पर मुझे चितरंजन पार्क डेल्ही जाना था १. ३० बजे मैं लंच करने जा रहा था तब बक्शी सर ने पूछा कैसे हो मैंने कहा बढ़िया और लंच करने चला गया /
लंच करके आया और कोलिंग करने लगा तो विनय जी आये और बोले संतोष बैग लेकर निचे आओ मैंने पूछा क्या बात हुई तो मुझे तो २. पर कॉल करके जाना है तो तो बोले अभी तुम निचे आओ कुछ बात है मैं निचे उनके साथ आ गया निचे आने के बाद बतया बक्शी सर ने तुम्हे आज से आने से मन कर दिया है फिर मैंने क़हा ठीक है मैं बक्शी सर से बात करता हु तो मन कर दिया फिर मैं HR  मनीष से बात कर लू तो बोले ठीक है कर लो जब मैंने मनीष जी से बात करने के लिए फोन किया तो मनीष जी बोले मैं बक्शी सर के साथ हु आधा घंटा लग जायेगा फिर मैं चितरंजन पार्क के लिए  निकल गाया चितरंजन पार्क पहुचने के बाद डॉक्टर सुधीर सेठ कि क्लिनिक बंद थी फोन भी नहीं लगा फिर ववपस आ रहा था तो रास्ता भूल जेन के बाद हम खान पुर होते हुए वापस ग़ज़िआबाद आ गया
                                                         ६ जनबरी २०१४
आज सुबह मैं नहा कर पूजा कर बिन कुछ खाये दुधेस्वर नाथ मंदिर के लिए चला बाइक  निकलनी चाही तो बाइक  पंचर हुआ था तो हम ऑटो से ही चल परे ११. ३० पर मंदिर  पहुचे फिर ३० रूपये का नारियल वाला पर्षद लेकर चढ़ा कर वापस आये घर में नारियल चाकू से निकल रहे थे जिससे मेरे उंगली कट गई फिर काफी कोशिश के बाद खून रुका / शाम में मुढ़ी लेने गया और आते वक़त डॉक्टर के पास रुक गए तो ८ बजे आये और खाना खाकर सो गए /
                                                       ७ जनबरी २०१४
आज दिनभर घर पर थे शाम में हनुमान जी के मंदिर गए /
                                                         ८ जनबरी २०१४
आज सुबह अलिशा का फोन आया कोई दोस्त उसकी  इन्टरवू के लिए आ रही तो मैंने कहा १२ बजे हम जुलेना पहुच जायेंगे तो फिर १२ बजे जुलेना ऑफिस पहुचे तो अलिशा को फोन किया तो फोन नहीं लग रहा था फिर मैं काल काने लगा तो अनवर जी आये फिर स्टाफ ने चाय बनाया हम चाय पीकर अलीशा को फोन लगाया तो बात हुई उसने बतया वो आज नहीं आ रही है फिर हम नेहरू पैलेस चले गए फिर मदन जी के लोन वाले प्रॉब्लम ख़तम किया फिर ६ बजे हम नेहरु पैलेस से वापस ग़ज़िआबाद अ रहे थे तो कौशम्बी परताप जी से मिलने चले गए फिर उनसे मिले तो बोले कि धीरेंदेरा को हम कल ग्रीन पार्क भेज कर पीड करवा देंगे और सोनी जी का रेंट अग्रीमेंट दिया फिर फिर हम घर आ गये /
                                                        ९ जनबरी २०१४
आज रात से ही बुखार हो रहा तह १०३ -१०४ सुबह ८ बजे डॉक्टर र के सिंह को फोन किया तो डॉक्टर बोले मैं क्लिनिक पहुच कर फोन करते है ९. १५ पर हम डॉक्टर के क्लिनिक गए डॉक्टर ने दबाई दी १०० रुपए लिये तभी आशीष जो अनुराग तिवारी के दोस्त और ऍम आर था फिर १२ बजे वापस घर आये और रजाई में ही बैठे रहे /
                                                        १०  जनबरी २०१४
आज सुबह तबियत ख़राब होने के वजह से ११ बजे सो कर जागे थे फिर माकन मालिक को बताया १५ को देंगे
बोले ठीक है तभी कुछ सामान लेकर आये तभी धीरेन्द्र का फोन आया ग्रीन पार्क जाना है तो मैंने बताया मेरा तभीयत तो ख़राब है तुम अकेले चले जाओ वो जिद करने लगा तो मैंने हां कह दिया खाना खा कर और दबाई लेकर १ बजे बस से हम  सेक्टर ६२ पहुचे वहाँ धीरेन्द्र बाइक  से था फिर मेट्रो से ग्रीन पार्क गए ४ बजे वापस चले तो ६ बजे वापस ग़ज़िआबाद आये तो धीरेन्द्र कि मां डॉक्टर के पास थे उनसे मिलते हुए ७ बजे हम घर पहुचे फिर धीरेन्द्र मॉडेम को लेने कंपनी गया ७. ४५ पर लेकर आया पर वो हमारे घर आने से मन कर रही थी फिर वापस चले गए और ८ से १० बजे  तक मैं लिखने बैठा हु/
                                                          १२ फरबरी २०१४
आज सुबह से परताप ,तिवारी को फोन लगाया तो किसी ने फोन नहीं उठाया फिर मैं टायर होकर कौशाम्बी १२ बजे ऑफिस चल दिया वह दोनों में से कोई तो नहीं था पर शर्मा जी थे उनसे लोन के बारे में बात कि तो उन्होंने कहा सोनी क्क फ़ाइल फिर से तैयार  कर रहे है मंगलबार को सोनी के पास भेज कर साइन करवा लेंगे और धीरेन्द्र का तो हो नहीं पायेगा और उसमे से १/२ पैसे एप्लीकेशन लगाने पर मिल जायेगा तभी क्रेडिट वाला आया उससे पूछा तो बोले अभी किसी कि फ़ाइल ओ के नहीं हो रही है फिर उससे कह कर हम १ बजे  नेहरू पैलेस चले वह हम शेखर भाई के जैकेट लेकर गए थे पर शेखर भाई वह नहीं थे फोन किया तो बोले १० मिनट में आ रहे है फिर हम लव के साथ बात करने लगे उसने कल्पना को फोन करके कह कि सपना का नंबर दे पहले तो नहीं दे रही थी मेरे बारे में जानी तो उसने नो मस्ज कर दिया फिर लव ने मुझे सेंड कर दिया ४ बजे हम नेहरु पैलेस से चले तो जसोला मैक्स बाला जी के ऑफिस गए वह पवन नगर से मिले पर वो कुछ ज्यादा ही बिजी दिख रहे थे फिर हम ६ बजे वह से चले तो कालिंदी कुञ्ज से होते हुए नॉएडा एक्सटेंशन होते हुए ७ बजे घर पहुचे फिर पूजा कर नास्ता किया और फिर टी वी  देखने लगे
                                                          १३ फरबरी २०१४
१२ बजे ऑफिस आया कुछ ऑनलाइन पोस्टिग कि ,शाम को धीरेन्डर का फोन आया कहा है तो मैंने कहा ऑफिस में बोला घर कितने बजे जायेगा मैंने कहा ७ बजे तक बोला ठीक है कल जरा जल्दी आना तुम्हारे पास आयेंगे मैंने ठीक है बोला फिर लोन के बारे में पूछा तो मैंने कहा ३५०० जो कैश लिया है वो तो वापस हो जाना किये और मैंने मिस्टर शर्मा से बात कि तो बोले १/२ चैक अमाउंट का मिलेगा / फिर शाम में दिलीप कु सोनी जी का फोन आया रेगार्ड लोन तो मैंने कहा मंगलवार को तिवारी जी वेरिफिकेशन को आयेंगे तो बोले मैं तो मंगलबार को मथुरा जा रहा हु तो मैंने कहा ठीक है तो बुधबार को बुला लेंगे फिर ठीक है कहा और फिर मैं खाना खाने चला गया / १२ बजे तक टी वी  देख रहे थे और १२ बजकर १ मिनट पर चांदनी को हैप्पी वैलेंटाइन दे मस्सगे किया / १२.३० पर चांदनी  का फ़ोन आया बोले आज भी आपने  ही पहले बिस  किया थोड़ी देर बात हुई फिर हम शो गए /
                                                    १४ फरबरी २०१४
आज रात से ही बारिश हो रही है इस वजह से   हम कही नहीं गए घर में ही थे दिन भर टी वी  देखा/ ११ बजे हमने डॉक्टर को [फोन किया कि सीलेंडर ले नहीं जायंगे क्या तो बोले मैं लंच टाइम में आउंगा फिर  ३ बजे के करीब डॉक्टर (जनता क्लिनिक ) का फोन आया कि वो सीलेंडर लेने आ रहे है वो आये तो मैंने साथ में पकड़वा कर उनके घर तक छोड़ दिया / शाम को ६ बजे हम कपड़ो में प्रेश  करने लगे तभी धीरेन्डर का फोन आया ७.३० तक वो आएगा मैंने कहा ठीक है , वो ८ बजे आया साथ में उसकी गर्ल फ्रेंड भी थी पर आज उसने मन किया तो धीरेन्डर ने जबर्दस्ती कि फिर वो ८.३० पर चले गए मैंने महुवा चैनल पर सुर संग्राम देखा कहने लगी लड़की कि आज आपने अपने साइड का चैनल लगाया है तो मैंने कहा ये तो मैं देखता ही हु फिर वो लोग चले गए / मैं भी खाना खाने के बाद टी वी  देखने के बाद ११ बजे १२ बजे का अलार्म लगा कर सो गया १२ बजे आँख खुली तो मने चांदनी को अन्वेसरी का मस्सगे किया पर कोई रिप्लाई नहीं आया फिर सुबह ४. ५५ का अलार्म लगा दिया/
                                                  १५ फरबरी २०१४
आज शुबह अलार्म के साथ ही आँख खुली फिर कोशिश करके ५. १५ पर हम उठे मंदिर जाते जाते ६. ४५ हो गया मंदिर में पूजा करने के बाद मैंने पंडित जी से पूछा पैसे कि प्रॉब्लम कि वजह से मैं पूजा नहीं दे पा रहा हु बोले तो कोई बात नहीं मैंने पूछा आप कही जा तो नहीं रहे हो बोले नहीं मैंने कहा अगर आप चाओ तो श्री सतनारायण भगवन कि कथा ही हमें सुना दो बोले मैं तो जाप में जा रहा हु/ फिर मैंने कहा ठीक है प्रणाम किया और खुद ही अपनी अल्प बूढी से कथा खा कर ८ बजे घर पंहुचा फिर मैं लेटरिंग गया हुआ था कि आंटी ने मोटर चला दिया जब तक मैं आया और वाटर बोटेल का सारा पानी निकल कर भरने लगा तभी मोटर बंद कर दिया / फिर मैंने आंटी जी को मोटर चलने को कहा तो उन्होंने चला दिया फिर मुझे बुलाया और रेंट के लिए बोली तो मैंने शाम के लिए बोल दिया फिर चाय बिस्किट खाकर खाना बनने लगा मैंने ममी  को फोन किया तो बात हुई माँ कह रही थी चांदनी को बोली आने को तो उसकी माँ कह रही है फर्स्ट बच्चा है तो यही होने दे बाद में तो वही होगा न माँ ने कहा सतीश और शांतनु कह रहा है कि येहा  होता तो न हम चट्टी मानते तो मैंने कहा ये तुम दोनों जानो बांकी अभी वही रहने दो अगर उसकी मर्जी है तो फिर माँ ने कहा ध्यान से रहना पापा भी मुम्बई जाना चाहते है लेकिन टिकट नहीं मिला सनी ने कहा पटना जाकर पता लगा ले किस ट्रैन में टिकेट मिल सकता है उसी में करवा देंगे मैंने कहा जो ठीक लगे ,फिर फोन रखने के बाद चांदनी को फोन किया उसने उठया नहीं थोड़ी देर में उसका मिस कोल आया मैंने कॉल किया तो बात हुई फिर कहने लगी आज भी आप ही जीत गए वो तो है मैंने कहा फिर खाना खा कर हम ऑफिस के लिए निकले ऑफिस पहुचे तो देखा लोक था रहमान को फोन किया तो बोला मैं तो आ नहीं पाउँगा फिर मैंने पूछा विपिन जी तो रहमान बोला वो तो कल ही चले गए मैंने उसे प्रॉब्लंम सुनाये रेंट कि तो बोले ठीक है मैं कुछ करता हु ऑफिस कि चाभी चाय वाले के पास बताया मैं चाय वाले से चाभी लेकर ऑफिस आया तो देखा नेट नहीं चल रहा है फिर विपिन जी का फोन आया बोले संतोष कितने कि जरुरत है तो मैंने कहा ३०००  रेंट देने है तो बोले कल ही बताना किये मैंने कहा मैंने सोचा आज बोल दूंगा पर आप तो कल ही निकल गए बोले ठीक है मैं किसी तरह से अर्रंगे कर देता हु मैंने थैंक्स कहा तभी  प्रमोद जी आ गए मैंने उनसे कहा नेट नहीं चल रहा तो उन्होंने कहा अभी करते है तभी एक डीलर का फोन आयर रेंट के लिए फिर धीरेन्डर डीलर के द्वारा एक फ्लैट निकला उसे दिखने इंदिरापुरम गए दिखा कर वापस आया तो रहमान का फोन आया कि काम हो गया है ६ बजे तक आएगा फिर मैं पोस्टिंग करने बैठ गया ६ बजे सोचा डिश रिचार्ज कर ले तो ३० रुपया का रिचार्ज किया अपने अकाउंट से तभी चांदनी का फोन आया बोली मोबइल  रिचार्ज करवा दो तो मैंने फिर से ३० रुपया का करवा दिया तभी रहमान को फोन किया कहा हो तो बोला अभी तो मैं गुडगाँव पंहुचा भी नहीं हु उसके बाद यहाँ से चलेंगे तो मैंने कहा ठीक है मैं ८ बजे तक वेट करता हु बोला ठीक है अभी ६. ३७  हो रहा है ,









0 comments:

Post a Comment