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Sunday 15 September 2013

वक़्त बदल जाता है एक समय के बाद

शुभ हो या अशुभ अच्छा हो या बुरा वक़्त बदल जाता है एक समय के बाद.
जैसे घरी की सुइयेओ वापस १ से चलकर १ पर ही पहुच जाता है
घमंड तो रावन को  भी हुआ पर मौत का श्रृंगार उसे भी करना पड़ा
चाहे इंद्रा या माँ  लक्ष्मी हो चाहे बलराम सबको  अहंकर ने हराया एक बार
वक़्त कोई भी हो न दुःख न ख़ुशी मानना चहिये क्यों की अंत तो सबका होता है
रहती है बस इस जहा में निकली मीठी या खट्टी यादे
बस आपनी जुबा से करलो दुनिया मुट्ठी में
वक़्त बदल जाये चाहे कभी भी पर मिट्ठी यादे तो दुख में भी खुशियाँ देती है दोस्तों
और खट्टी तो गमो का अहसास बढ़ा देता है
प्यार की बाते जो संसार को जोडती है एक दुसरो को
चाहे कोई तार न जोड़ो दिल से दिल जुड़ने पर सब कुछ जुड़ जता है
न कोई बिल न कोई डिवाइस फिर भी जोरे सबको भाई
सच्चा प्यार जो करता है वो किसी का बुरा न सोचता न करता है
हर राह में बस लोगो का साथ वो देता जाता है
न अरमा होता फायदा का न डर हो कोई नुकशान का
बस ख्वाइश है तो दुनिया में फयदा दूजो का करने का
ख़ुशी और गम बस जुड़ते है दूजो का भला करने से
बस न असर होता है इन पर कोई भी वक़्त हो इनको
सब बराबर होते है जो दूजो के लिए जीते है
ना घमंड न अच्छे बुरे वक्त का कोई असर होता है इन पर दोस्तों
गमो में मुस्कुराना ख़ुशी में मिलकर गाना
अपसब्द कहे जो कोई उसे उसकी कमजोरी  कहना
न ले जो अपने दिल पर कोई अहसास बुरा सा
सोचे छिपी हो बस इसमें ही प्यार तुम्हारा
जो चाहे बुरा उसका वो फिर भी कहे तुम्हारा भला हो
वो आदमी होकर भी भगवान् से हो प्यारा
हर किस्म की बलाए कर पाए न उसका बुरा
शुभ और अशुभ वक्त बस उसके लिए है बना
जो अपनी ख़ुशी के खतिर दुःख दे दे ज़माने को
फिर भी न हो हासिल उसे सुखो का मंजर
बस याद रखना दोस्तों चाहते है बस सभी को
नदियों को चाहे हो सामने समंदर 

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